महान अर्थशास्री माल्यस ने कहा था कि यदि बेलगांव होती अति जनसंख्या को इंसान खुद नहीं रोक सका तो फिर प्राकृतिक आपदा ही जनसंख्या कम करेगी और अब इस कम में इंसान द्वारा किए जा रहे विनाशक आविष्कारों द्वारा कृत्रिम आपदा जनसंख्या कम करने के कार्य में लगी है। भैतिकता के मोह में इंसान उस कदर जकड चुका है कि वह खुद अपने हाथों अपनी ही बर्बादी का सामन ईजाद करने में लगा है। जिस प्रकार कम्प्यूटर में वायरस लगने से कम्प्यूटर खराब हो जाता है उसी तरह समाज में वायरस फैलने से इंसान की न सिर्फ जान जाती है बल्कि सदियों तक इंसान का नस्ल खराब हो जाता है। देखा जाए तो कम्प्यूटर में लगे वायरस को समाप्त करने के लिए एंटी- वायरस कब का ईजाद हो चुका है लेकिन इंसान में लगने वाले वायरस के लिए अभी तक न कोर्ड एंटी-वायरस बना है और न ही कोई कारगर दबा बनी है।
फरवरी २०२० के मध्य में चीन के बुहान शहर से निकला नोवल - कोरोना वायरस आज संपूर्ण विश्व में हाहाकार मचाया हुआ है। वैग्यानिक नाम कोविड- १९ आज किसी दैत्य की तरह पल-पल इंसानों को जिंदा जिंदा निगल रहा है। चारों तरफ तबाही का आलम है। करोना वायरस अपना प्रकोप कम करने का नाम ही नहीं ले रहा और संपूर्ण विश्व के राष्ट्र प्रमुखों से लेकर वैग्यानिकों,डॉक्टरों एवं जनता डरी-सहमी हैं। लगभग सभी देशों में लॉक डाउन कर दिया गया है आज लोग घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए हैं । भारत में भी आपातकालीन सा आलम है।
पूरे देश में हवाई, ट्रेन, बस, ऑटो इत्यादि आवागम के साधनों को बंद कर दिया गया है इस कारण अपने घरों से दूर दूसरे शहरों में अपनी रोजी-रोटी कमाने गए लोग एेसी विकट स्थिति मैं भूखे -प्यासे बीच रास्ते में फंसे हैं लेकिन न तो केन्द्र सरकार और न ही राज्य सरकारों ने उन्हें एयर-लिफ्ट कराने का काम कर रही है और न ही उन तक खाद्य पदार्थ ही मुहैया करा रही है एेसे में उनकी स्थिति मृत्युतुल हो चुकी है।
केन्द्र सरकार ने तो लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे कर अपना काम पूरा कर चुकी है और महाराष्ट्र सरकार भी इस संबंध में कोईसुध नहीं ले रही है और सभी फंसे हुए लोगों को कोरोना का निवाला बनने के लिए छोड दी है।
ऐसी भयावह स्थिति से निपटने के लिए मुंबई ग्लोबल ने अपना सामाजिक दायित्व को समझा और पूरे महाराष्ट्र में फंसे हुए भूख- प्यास से जूझ रहे व्यक्तियों एवं दैनिक मजदूरों के लिए खाने का इंतेजाम युद्ध स्तर पर कर रहा है और इस इंसानियत भरे कार्य में मुंबई ग्लोबल की पुणे की ब्यूरो चीफ ममता मंगलानी (काॅसमोगलिट), एसाइनमेंट एडीटर स्वाती सराफ, यूथ फॉर ह्यूमन राईटस इंटरनेशनल के निदेशक थेरेसा माइकल इत्यादि पूणे जिला के डिस्ट्रिक्ट कॉलेक्टर एवं एस.डी.ओ. के संरक्षण एवं मदद से पूणे के कोने-कोने में फंसे ऐसे लोगों की मदद कर रही हैं जो अपने घर वापस नहीं जा सके एवं लॉक डाऊन की वजह से बेरोजगार हो गए हैं। ममता मंगलानी ने बताया कि अभी तर उनकी टीम ने लगभग १५० परिवार की मदद कर चुकी है लेकिन हमलोग यहीं रुकने वाले नहीं हैं और कम से कम इस विकट घडी में १०,००० परिवारों तक मदद पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मदद के तौर पर खाद्य पदार्थ, मास्क, सैनिटाईजर इत्यादि जरुरतमंदो को दिया जा रहा है।
थेरेसा माइकल ने बताया की पूणे के घोरपडी आर्मी के बंगले के पिछे क्वाटर में रहने वाले कर्मचारियों को और लोणी कालभौर को भी राहत सामग्री दी गई है। इस नेक कार्य के लिए समाज के लोग बढ- चढ कर आर्थिक मदद करने आगे आए हैं और अब तक ३०,००० /- रुपये नकद हमारी टीम ने इकठ्ठा कर लिए हैं। जिससे राहत सामग्री, दवा इत्यादि खरीदी जा रही है। दी फ़ूड दोस्त के वैभव ने भी फ़ूड देकर काफी सहयोग किया है
ग्यात हो कि इस टीम डोनेशन कैमपेन भी चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत इच्छुक व्यक्ति रहे हैं जिसका ब्यौरा www.milap.org पर दिया जा रहा है जिसे कोई भी देख सकता हैं। इस टीम के द्वारा सराहनीय काम के लिए मैनचेस्टर व सिंगापुर से भी फंड मिल रहा है। इस कार्य में पूणे स्थित एफ-३ स्पोटर्स क्लब का भी पूरा सहयोग मुंबई ग्लोबल के पूणे टीम के साथ है।
-डॉ. राजेश कुमार