मनप्राण से राष्ट्र भक्ति की फिल्में बनानेवाले, भारत कुमार के नाम से सर्वाधिक लोकप्रिय, सर्वप्रिय कलाकार/फिल्मकार, हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी नाम से पले बढ़े पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत, भारतीय फिल्मोद्योगों के लिए सर्वश्रेष्ठ राजकीय सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सुशोभित मनोज कुमार को एक और सम्मान प्रदान किया गया है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन), इंग्लैंड अवार्ड मनोज कुमार को उनके निवास स्थान पर प्रदान किया गया। विश्व कीर्तिमानों के संकलन, उन्हें सूचिबद्ध करने के लिए संचालित प्रकाशन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन) की भारतीय इकाई द्वारा यह मान पत्र उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। गत् वर्ष यह सम्मान दिलीप कुमार को दिया गया था।
"शहीद" के भगत सिंह के रूप में चर्चित हुए मनोज कुमार ने देशभक्ति को ही अपना प्रिय विषय बनाया। "उपकार" से फिल्म निर्माण का शुभारंभ किया था। "पूरब और पश्चिम", "क्रांति" राष्ट्र प्रेम में पगी फिल्में हैं। "शोर" और "शिर्डी के साईं बाबा" ने भी बिना शोर शराबा के सबका दिल जीता। उल्लेखनीय फिल्में हैं -- हिमालय की गोद में, हरियाली और रास्ता, वो कौन थी, डॉ० विद्या, नकली नवाब, अपने हुए पराये, घर बसा के देखो, पूनम की रात, फूलों की सेज, बेदाग़, पिकनिक, अनीता, गुमनाम, सावन की घटा, पत्थर के सनम, नील कमल, आदमी, साजन, यादगार, पहचान, बलिदान, बे-ईमान, दस नंबरी, संन्यासी। अभिनय, निर्माण, निर्देशन के साथ साथ मनोज कुमार फिल्म संपादन में भी मास्टरपीस रहे हैं। पत्नी शशि गोस्वामी उनकी फिल्मों के लिए लेखन कार्य संभालती थीं।
जन्म तिथि : २४-०७-१९३७.
★ उमेश सिंह चंदेल